जनसंख्या नियंत्रण बिल
जनसंख्या नियंत्रण बिल राष्ट्र को मजबूत बनाने के लिए एक शानदार निर्णय है और जीवन की उमंग फाउंडेशन इसे पूर्ण रूप से अधिक जनसंख्या के प्रभावों के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए काम कर रहा है।
आज की दुनिया में, जनसंख्या सभी समस्याओं का एक प्रमुख कारण है चाहे वह स्वास्थ्य और स्वच्छता हो, भोजन की कमी हो , बढ़ता प्रदूषण हो,दूषित वातावरण कि स्थिति हो या अन्य कोई रोग हो।
भारत भी इसी बीमारी से जूझ रहा है, वह आज बहुत से संसाधनों के लिए दूसरे देशों पर निर्भर हो रहा है जैसा कि हम जानते हैं कि सभी प्राकृतिक संसाधन असीमित नहीं हैं, उनमें से कुछ सीमित भी हैं और वे संसाधन पुन: उत्पन्न होने की तुलना में तेजी से समाप्त हो रहे हैं जिसे मजबूरी में हमें दुसरे देशों से मेहेंगी कीमतों पर ख़रीदना पड़ रहा है, जो हमारी आनेवाली आर्थिक स्थिति को बहुत प्रभावित करेगा।
अगर हम आज की स्थिति के अनुसार बात करे तो , आज विश्व के हर भाग में हमेशा सावधान किया जाता है कि भविष्य में भारत को जल्द ही विश्व के सबसे अधिक आबादी वाले राष्ट्र के रूप में जाना जाएगा जो देश को गरीबी कि ओर धकेलेगा और यह हमें अनपढ़, बेरोजगारी और भुखमरी की ओर ले जाएगा।
यह आकडे इस खतरनाक स्थिति को और भी स्पष्ट करते है, जहां 2021 में दुनिया की आबादी 7.9 खरब तक पहुंच गई है, जिसमें से केवल भारत का ही योगदान 1.39 खरब का है। इस स्थिति को देखने के बाद भारत सरकार ने लोगों को जागरुक और जनसंख्या विस्फोट को नियंत्रित करने के लिए सावधानी बरतने की राये दी ।
भारत में सबसे अधिक आबादी वाला राज्य उत्तर प्रदेश है, जहाँ 24.1 करोड़ की आबादी बसती है, जिसने यूपी सरकार को इस अधिक जनसंख्या की समस्या के बारे में सोचने पर मजबूर कर दिया है, ताकि वह इस समस्या को जल्दी समाप्त करने के पक्ष में कुछ मजबूत कदम उठा सके ताकि लोग अधिक जनसंख्या के दुशप्रभावों को समझ सकें और इसके प्रति जागरूक हो सके ।
लोगों को जागरूक करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने भारत में जनसंख्या कानून के तहत जनसंख्या नियंत्रण बिल प्रस्तावित किया है जिसमें 2 बच्चो से अधिक पर निषेध कानून को शामिल किया गया है।
इस बिल के तहत सरकार ने कुछ नियम और कायदे बनाए हैं जिसके अंतर्गत सिर्फ दो बच्चो वाले परिवारों को कई प्रकार के आकर्षक फायदे भी दिए गये है ताकि लोग जागरुक हो सकें और जनसंख्या नियंत्रण बिल को गंभीरता से ले सकें।
इस नीति के तहत जो सरकारी कर्मचारी नहीं हैं लेकिन नीति का पालन करते हैं उन्हें बिजली बिल, गृह ऋण, घरों पर टैक्स आदि पर छूट मिलेगी।
इस बिल के अंतर्गत राशन कार्ड में 4 पारिवारिक सदस्यों तक सीमित कर दिया है।
यह उन सरकारी कर्मचारी या अन्य सभी विभागों के कर्मचरियों के लिए बहुत से फायदों का भी प्रस्ताव करता है जो जनसंख्या नियंतरण बिल का पालन करेंगे।